सावन का महीना चल रहा है…. और ऐसे में भक्त भोलेनाथ के मंदिर दर्शन-पूजन करने जाते हैं। अब हम बात कर रह रहे हैं मप्र की राजधानी भोपाल की जहां ओल्ड भोपाल के गिन्नौरी इलाके में लगभग 200 साल पुराना सबसे बड़ा शिवलिंग है जिसके बारें में बहुत कम लोगों को मालूम है..तो चलिए जानते हैं क्या है इस शिवलिंग का रहस्य।

मुगल दौर में बना भोपाल का पहला सार्वजनिक मंदिर
यह मदिंर मुगल शासन काल में उस समय बना था जब सार्वजनिक मंदिरों के निर्माण की अनुमति नही थी। बतादें कि यह भोपाल के चारदीवारी के भीतर बना पहला सार्वजनिक मंदिर माना जाता है…जिसे रियासत की अनुमति से जमीन देकर बनवाया गया था।

छक्कूलाल के कारण बदला इतिहास
भोपाल के इतिहासकार रिजवान के अनुसार साल 1837 में भोपाल रियासत के शासक जहांगीर मुहम्मद खां ने अपने विश्वस्त हिंदू मित्र छक्कूलाल की परेशानी देखकर नियमों में बदलाव किया था। कहते हैं कि छक्कूलाल को पूजा-पाठ करने के लिए शहर से सीमा से बाहर जाना पड़ता था जिससे एक दिन गिरकर उन्हें चोट लग गई। इसके बाद शासक ने पहली बार चारदीवारी के अंदर मंदिर निर्माण की लिखित अनुमति दी।
गिन्नौरी बगिया को मिली थी रियासत की मंजूरी
जहांगीर ने न केवल अनुमति दी बल्कि मुनीर मोहम्मद खां की बगिया में मंदिर के लिए जमीन भी आवंटित की। बतादें कि यह मंदिर छोटे तालाब के किनारे स्थित है और आज भी उसी ऐतिहासिक स्वरूप में मौजूद है। यहां सालों से पूजा-पाठ हो रही है।

ऐतिहासिक धरोहर की हालात जर्जर होती जा रही
ये मंदिर जो कि भोपाल की सबसे बड़ी शिवलिंग है और इतिहास को संजोए यह मंदिर आज जर्जर हालात में है। सालों से नेताओं ने इस मंदिर के निर्माण के वादे तो करते हैं लेकिन कोई सीरियस होकर ध्यान नहीं दे रहें है न कोई ठोस कदम उठा रहे हैं।
सावन जैसे पावन महीनों में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है..लेकिन मंदिर की खराब स्थिति आस्था को ठोस पहुंचा रही है।

Mp-cg mirror की भक्तों से अपील
बतादें कि जब Mp-cg mirror की टीम मंदिर में कवरेज करने पहुंची तो मंदिर के पुजारी के पुत्र और भोपाल के इतिहासकार रिजवान उद्दीन अंसारी से बातचीत की तो बहुत कुछ पता चला…
Mp-cg mirror की अपील
इसलिए Mp-cg mirror भी अपील करता है कि एस ऐतिहासिक मंदिर में जरूर जाएं वहां पूजा-अर्चना करें और समाज की इस रहस्य मंदिर के बारें में अवगत कराएं…साथ ही सरकार और प्रशासन से भी आग्रह करता है कि इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएं।

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