sawan me kare upay: श्रावण में इन 8 कामों से बदल सकती है किस्मत सिर्फ पूजा नहीं, इन आदतों से पाएं भगवान शिव की विशेष कृपा, जानिए “ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा जी” से…
श्रावण में करें ये 8 शुभ काम भगवान शिव की कृपा पाने के साथ आत्मशुद्धि भी करें
श्रावण का महीना, जो भगवान शिव को समर्पित है, न सिर्फ पूजा-पाठ और व्रत के लिए जाना जाता है बल्कि आत्मशुद्धि और जीवनशैली सुधार का भी यह सबसे सही समय है।
आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में शरीर और मन असंतुलित हो सकते हैं, लेकिन कुछ पॉजिटिव आदतें अपनाकर हम इस समय को बेहद फलदायी बना सकते हैं।
sawan me kare upay: यहां हम बता रहे हैं

श्रावण में किए जाने वाले 8 शुभ काम, जो न सिर्फ भगवान शिव की कृपा दिलाएंगे बल्कि आपके विचारों, स्वास्थ्य और दिनचर्या को भी दिशा देंगे।
विचारों का भी रखें व्रत
श्रावण में उपवास सिर्फ खाने का नहीं बल्कि मन और विचारों का भी होता है। क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, चिंता और शंका जैसे विचारों से दूरी बनाकर मानसिक व्रत करें।
कैसे करें?
- हर दिन कुछ समय मौन रहें
- ध्यान लगाएं
- अच्छी बातों पर ध्यान केंद्रित करें भगवान शिवलिंग पर जलाभिषेक करें
भगवान शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाने से सिर्फ पूजा पूरी नहीं होती, बल्कि यह भीतर की अशुद्धियों को दूर करने का प्रतीक है।
क्या संकल्प लें?
- जल चढ़ाते समय कहें “हे भोलेनाथ, मेरे भीतर की बुराइयों को दूर करें” ‘ऊँ नम भगवान शिवाय’ मंत्र का नियमित जप
यह पंचाक्षरी मंत्र भगवान शिव की ऊर्जा को सक्रिय करने वाला माना जाता है।
कब और कैसे करें?
- सुबह या रात सोने से पहले
- टहलते समय या काम करते हुए मन ही मन जपें
- 108 बार रोज़ जपने का नियम बनाएं भगवान शिव मंत्र लिखें
मंत्र जप के साथ-साथ लिखना भी एक गहरा ध्यान अनुभव होता है।
कैसे करें?
- एक नोटबुक लें और हर दिन कम से कम एक पेज ‘ॐ नमः भगवान शिवाय’ लिखें
- लिखते समय भगवान शिव का ध्यान करें और मन की अशांति को दूर करें मौन रहना सीखें
श्रावण आत्मचिंतन का समय है, ऐसे में मौन का अभ्यास जरूरी है।
क्या न करें?
- बेवजह की बहस या विवाद में न पड़ें
- प्रतिक्रिया देने से पहले सोचें सात्त्विक भोजन अपनाएं
बारिश के मौसम में पाचन कमजोर होता है। इसलिए खानपान में सुधार लाएं।
क्या खाएं?
- फल, नारियल पानी, गाय का दूध, घर का हल्का भोजन
क्या न खाएं? - लहसुन, प्याज, तला-भुना, मांसाहार जरूरतमंदों की सेवा करें
भगवान शिव को सबसे प्रिय वे हैं जो निस्वार्थ सेवा करते हैं।
सेवा के उदाहरण
- गरीबों को भोजन कराना
- पेड़-पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना
- बीमार, बुजुर्ग या असहाय की मदद करना
दिन की शुरुआत आध्यात्म से करें
श्रावण में सुबह जल्दी उठना ऊर्जा, शांति और शुभता का आधार बनता है।
सुबह की आदतें
- ब्रह्ममुहूर्त में उठें
- स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें
- फिर भगवान शिव की पूजा करें
सावन का महीना कोई साधारण नहीं, ये भगवान शिव से जुड़ने का पवित्र अवसर है। लेकिन सिर्फ रीतियों से नहीं, अपने विचारों, व्यवहार और जीवनशैली में बदलाव लाकर ही सच्चे भगवान शिव भक्त बन सकते हैं। इन 8 शुभ कार्यों को अपना कर न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी लाभ मिलेगा।
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