Mahalaxmi Temple Ratlam: मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में एक ऐसा महालक्ष्मी का मंदिर है, जो अपनी अनोखी परंपरा के लिए मशहूर हैं। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान भक्तों को प्रसाद के रुप में सोने और चांदी के गहने, सिक्के और आभूषण वितरित किए जाते हैं। यही खासियत इस मंदिर को दूसरे मंदिरो से अलग बनाती है। यहां की परंपरा के बारें में सुनकर हर कोई हैरान हो जाता है।
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Mahalaxmi Temple Ratlam: मंदिर में क्या है खास…
रतलाम के माणक क्षेत्र में स्थित यह मंदिर माता लक्ष्मी को समर्पित है, यहां श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है। भक्तो का मानना है कि यहां आने से जीवन में सुख – समृद्धि बनी रहती है और जीवन में खुशहाली आती है।
प्रसाद में मिलता है सोना – चांदी!
बताया जाता है, कि दीपावली के समय इस मंदिर में प्रसाद के रुप में मिठाई , भोजन के अलावा यहां सोने – चांदी के सिक्के और गहने वितरित किए जाते हैं। भक्त प्रसाद में मिले आभूषण और सिक्के को अपने घर में धन और समृद्धि का प्रतीक मानकर बड़े श्रद्धा से रखते हैं।
Mahalaxmi Temple Ratlam: जानिए मंदिर का इतिहास…
इस मंदिर का इतिहास काफी रोचक और प्रचीन है, बताया जाता है कि प्राचीन समय में यहां के राजा और महाराजा राज्य के सुख – समृद्धि और धन – धान्य की वृद्धि के लिए माता लक्ष्मी के चरणों में सोना, चांदी के आभूषण और सिक्के चढ़ाते थे, तभी से यह परंपरा चली आ रही है।

भक्तों का भरोसा है कि महालक्ष्मी को चढ़ाए गए गहने और आभूषण उनके जीवन में धन, सुख और खुशहाली लाते हैं। इसी कारण श्रद्धालु आज भी अफनी संपत्ति और गहनों को मंदिर में अर्पित करते हैं।
Mahalaxmi Temple Ratlam: मंदिर की सजावट होती है बहुत अनोखी…
आमतौर पर मंदिर की सजावट फूलों और लाईटिंग, रंगोली से की जाती है। लेकिन इस मंदिर की सजावट बेहद आकर्षक और अनोखे तरीके से की जाती है। यहां फूलों और लाईटिंग की वजाह मंदिर की दीवारों और गर्भगृह को सोने – चांदी और नोटों से सजाया जाता है।
दीपावली के समय बढ़ जाती है मंदिर की भव्यता…
दीपावली के दौरान इस मंदिर का स्वरुप देखते ही बनती है इसकी भव्यता और भी बढ़ जाती है। इस समय मंदिर में कुबेर के दरबार को बेहद शानदार तरीके से सजाया जाता है। चारों ओर सोने – चांदी के आभूषण और नोटों की सजावट भक्तो को मंत्रमुग्ध कर देती है।

दिवाली और धनतेरस में मिलता है खास प्रसाद…
महालक्ष्मी मंदिर में दिवाली और धनतेरस के दिन विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दौरान 24 घंटे तक मंदिर खुला रहता है और दूर – दूर से लोग वहां दर्शन करने आते हैं, धनतेरस के दिन नहां महिलाओं को ‘कुबेर की पोटली’ प्रसाद के रुप में दी जाती है, जिसे धन और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।