Unique Shiva Temple In Bhopal: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपल से लगभग 32 किमी की दूरी पर रायसेन जिले में एक अनोखा शिव मंदिर है, जो कि भोजेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर बेतवा नदी किनारे बसा प्राकृतिक पहाड़ियो से घिरा हुआ मंदिर है। इस मंदिर में लगभग 7.5 फीट के शिवलिंग विराजमान हैं।
मान्यता है कि, यह शिवलिंग एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है। खास बात यह है कि यह एक ही पत्थर से बना हुआ शिवलिंग है, यह विशाल जलहरी जो कि शिवलिंग के नीचे का भाग होता है, उसमें विराजमान है, इसकी परिधि 17.8 फीट है।
कहा जाता है, यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था, यह लगभग 1000 साल पुराना मंदिर है। यह मंदिर अधूरा बना हुआ है, इसके पीछे कई रहस्यमयी मान्यताएं हैं।
incomplete-shiva-temple-raisen-mystery-storyजानिए अधूरा क्यों है यह मंदिर…
बताया जाता है कि, इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में परमार राजवंश के राजा भोज ने बनवाया था वो एक महान राजा थे, उन्हें कुष्ठ रोग हो गया था, जिससे वो काफी परेशान हो गए,
तभी उन्हें एक जानकार ने सलाह दी की, वह यहां मंदिर बनवाएं, तभी राजा भोज ने एक रात में भोजपुर मंदिर बनवाने का संकल्प लिया,
जब राजाभोज बीमरी से ठीक हो गए तो उन्होंने मंदिर बनवाने का काम शुरु करवाया, मंदिर एक रात में पूरा तैयार कराना था लेकिन सुबह होने तक मंदिर पूरा नहीं बन सका, तभी से यह मंदिर अधूरा है।
इस मंदिर में कई कलाकृतियां बनी हुईं हैं, इस मंदिर में आज भी प्रचीनकाल की नक्कासी दिखाई देती है। इस मंदिर की नक्काशी, संस्कृति और वस्तुकला भारतीय इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

Unique Shiva Temple In Bhopal: दूसरी मान्याता के अनुसार…
एक कहानी महाभारत काल से जुड़ी है, बताया जाता है कि, महाभारत काल में जब पांडवों को अज्ञातवास के समय पांडवों ने भोपल के पास स्थित भीमबेटिका में कुछ दिन निवास किया था। पांडवों की मां माता कुंती शिवजी की अनन्य भक्त थी।
तभी माता कुंती के पूजा करने के लिए पांडवो ने मिलकर अपनी माता के लंबाई के अनुसार शिवलिंग का निर्माण किया और मंदिर बनाया, उसमें शिवलिंग की स्थापना की, जिससे माता कुंती उनकी पूजा कर सके।
कहा जाता है, कि इस मंदिर को स्वयं भीम ने अपने हाथो से बनाया था, जब तक वहां पांडव और माता कुंती ही तब तक हर रोज सुबह माता बेतवा नदी में स्नान करती फिर शिवलिंग का जलाभिषेक करती उनकी पूजा करती थी।

Unique Shiva Temple In Bhopal: सावन में लगती है भक्तो की भीड़…
जब सावन का महिना आता है, तो भोजपुर मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है। अपनी मनोकामनाएं लेकर एशिया के सबसे बड़े शिवलिंग के दर्शन करने आते है, लोग यहां सावन में दूर – दूर से कावड़ लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते है।

इस मंदिर में आपको प्राकृतिक स्वरुप के साथ काफी संख्या में बंदर देखने को मिलते है, वो किसी भी श्रद्धालु को चोट नहीं पहुंचाते।
Unique Shiva Temple In Bhopal: दो बार लगता है भोजपुर में मेला…
भोजपुर में हर साल दो बार मेले का आयोजन किया जाता है, यहा लाखों लोग भगवान के दर्शन करने आते हैं, साथ ही यहां के प्रकृतिक स्वरुप का भी लुफ्त उठाते हैं। सभी अपने फैमिली और दोस्तों के साथ यहां मेला घूमने आते है। कई लोग यहां पिकनिक भी मनाते है।