Chintaman Ganesh Temple Sehore: मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल से दूर लगभग 35 किलोमीटर सीहोर जिले में चिंतामन गणेश मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह चौथे शक्ति पीठ के रुप में प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर सिहोर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है।
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ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताएं…
यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए जानी जाता है। सीहोर, भोपाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर है, मान्यता है कि यहां भगवान गणेश की स्वंयभू प्रतिमा है, जो आधी जमीन में धंसी हुई है।

क्या है मंदिर का इतिहास…
इस मंदिर के निर्माण का रहस्य काफी रोचक है। इस मंदिर की स्थापना हजारों सालो पहले महाराजा विक्रमादित्य ने कराई थी। बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य को सपने में स्वंय गणेश भगवान ने दर्शन दिए थे और पार्वती नदी के तट पर पुष्प रुप में अपनी मूर्ति होनी की बात कही थी।
भगवान गणेश की मानी बात…
राजा ने वही किया वो पार्वती नदी के तट पर गएं और वहां उन्हे एक पुष्प मिला। राजा उस पुष्प को किला लेकर आ रहें थे, तभी रात में अचानक वह पुष्प गणपति की प्रतिमा में बदल गए। और भगवान गणेश की प्रतिमा वहीं जमीन में धंस गए। तभी राजा ने वहां मंदिर का निर्माण करवाया और तभी से वह मंदिर स्वंयभू गणेश और चिंतामन गणेश मंदिर के रुप में प्रसिद्ध है।

यहां की है विशेष मान्यता…
इस मंदिर की मान्यता है कि, अगर भक्त उल्टा स्वास्तिक बनाकर सच्चे दिल से भगवान गणेश से मन्नत मांगता है, तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। यह भी कहा जाता है, कि जब मनोकामना पूरी हो जाए तो भक्त को मंदिर आकर सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान गणेश का आर्शिवाद लेना चाहिए।

यहां श्रद्धालु मन्नत मांगते हुए उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं, और जब मन्नत पूरी हो जाती है, तो भक्त यहां सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान का आर्शिवाद लेते हैं।
विशेष त्योहारों में होते हैं विशेष आयोजन…
सिहोर के इस चिंतामन गणेश मंदिर में जब गणेश चतुर्थी आती है। तो इस अवसर में यहां विशेष रुप से पूजा – पाठ की जाती है। यहां उस दौरान मेला भी लगता है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां भगवान के दर्शन करने आते है। साथ ही मेले का भी आनंद लेते है।