Durg Jyoti Kalash Temple: भारत धार्मिक, ऐताहासिक और सांस्कृतिक धरोधरों से भरा हुआ देश है। यहां हर राज्य में कई अनोखे और रहस्यमयी मंदिर हैं, जो कि अपने – अपने अद्भुत कलाकृतियों, वस्तुकलाओं, इतिहास और मान्यताओं के लिए काफी प्रसिद्ध है।
ऐसा ही एक अनोखा मंदिर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित हैं, इसमें न किसी ईंट, न सीमेंट और न ही पत्थर का उपयोग किया गया बल्कि यह मंदिर केवल ज्योति कलश और दीयों से बनाया गया है। इस मंदिर में संकट मोचन भगवान हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान है। श्रद्धालु दूर – दूर से यहां दर्शन करने आते हैं।

Durg Jyoti Kalash Temple: मिट्टी के कलश से बना है मंदिर….
पूरी देश और दुनिया में आपने पत्थर , लकड़ी या संगमरमर से बने मंदिर तो बहुत देखे होंगे, लेकिन मिट्टी के कलश बना मंदिर शायद ही कई देखा होगा। इस मंदिर का स्ट्रक्चर देखकर ही श्रद्धालु हैरान हो जाते हैं। यह मंदिर लगभग 55 फीट ऊंचा है। यहां जाकर एक अलग ही सुकुन मिलता है।
Durg Jyoti Kalash Temple: मंदिर का स्थान और माहौल…
यह मंदिर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर धमधा क्षेत्र में स्थित है। यहां भगवान हनुमानजी के भजन से भक्तों का स्वागत होता है, चारों तरफ सकारात्मक वातावरण देखने को मिलता है।
यहां की मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां भगवान हनुमान के दर्शन करने आते हैं, उनके सारे कष्ट, भय और नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।

इस मंदिर को बनाने की अनोखी सोच…
यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि दीपावली और नवरात्रि में भक्त मातारानी की पूजा करते थे और इसके बाद मिट्टी के बने कलश में दीप जलाते थे,
9 दिन बाद इन दियों को तालाब या नदी में विसर्जित कर देते थे, जिससे ये कलश पानी में बहकर नदी के किनारों तक पहुंच जाते थे, जिन पर लोगों के पैर लगते, जिससे पूजा सामग्री और कलश का अपमान होता था।
इस कलश का अपमान न हो पाए इसलिए गांव के लोगों ने यह निर्णय लिया कि अब से वो कलश विसर्जित नहीं करेंगे बल्कि उन कलशो से मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जिससे यह पवित्र सामग्री हमेशा पूजनीय रहेगी।

डेढ़ लाख से ज्यादा कलश और दियों का इस्तेमाल…
इस मंदिर के निर्माण में अब तक लगभग 1.5 लाख से भी अधिक ज्योति कलश और दियों का इस्तेमाल किया जा चुका है। खास बात यह है कि यहां इस्तेमाल किए गए दिए अन्य और मंदिरों से लाए गएं है। जैसे मां दंतेश्वरी मंदिर (दंतेवाड़ा), मां बम्लेश्वरी मंदिर ( डोंगरगढ़) और रतनपुर की मां महामाया मंदिर भी शामिल हैं।
Durg Jyoti Kalash Temple: 15 साल पुराना मंदिर…
धमधा का यह ज्योति कलश मंदिर लगभग 15 साल पुराना मंदिर है। यह मंदिर आस- पास के जिलों में काफी प्रसिद्ध है, यहां लोग मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और ओडिशा से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।
धार्मिक महत्व और पर्यटन…
यह मंदिर सिर्फ पूजा – पाठ का स्थान नहीं है, बल्कि यहा धार्मिक कला और संस्कृति का प्रतीक बन चुका है। इसकी अनोखी वास्तुकला और एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाती है।
त्योहारों के समय मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर हनुमान जयंती, नवरात्रि और दीपावली पर यहां भक्तो की काफी भीड़ देखने को मिलती है।