Bhuteshwarnath Mahadev Temple: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में भूतेश्वरनाथ महादेव मंदिर एक अनूठा और रहस्यमयी धार्मिक स्थल है। यह मंदिर विश्व के सबसे बड़े स्वयंभू शिवलिंग के लिए जाना जाता है, जो हर साल अपने आकार में वृद्धि करता है। मरौदा गांव के घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा यह मंदिर प्रकृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है।

मंदिर का इतिहास
भूतेश्वरनाथ मंदिर की खोज लगभग 30 साल पहले हुई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, मरौदा गांव के जंगलों में एक छोटा सा टीला था, जहां से अक्सर बैल के हुंकारने की आवाज सुनाई देती थी। जब ग्रामीण वहां पहुंचते, तो कोई जानवर नजर नहीं आता। धीरे-धीरे इस टीले को भगवान शिव का प्रतीक मानकर पूजा जाने लगा। आपको बता दे, कि समय के साथ यह टीला विशाल शिवलिंग का रूप ले चुका है।
पौराणिक मान्यताओं में इसे दैत्य गुरु शुक्राचार्य की कर्मभूमि से भी जोड़ा जाता है। छत्तीसगढ़ी भाषा में “भकुर्रा” का अर्थ होता है हुंकार, जिसके कारण इस शिवलिंग को भकुर्रा महादेव भी कहा जाता है। यह शिवलिंग अर्धनारीश्वर स्वरूप में पूजा जाता है, जो शिव और शक्ति की एकता का प्रतीक है।
शिवलिंग की ऊंचाई और चमत्कार
भूतेश्वरनाथ मंदिर का शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा स्वयंभू शिवलिंग है। इसकी ऊंचाई 75 से 85 फीट और परिधि 105 से 290 फीट तक बताई जाती है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है की यह शिवलिंग हर साल 6 से 8 इंच तक बढ़ता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शिवलिंग किसी विशेष पत्थर से बना हो सकता है, जो पानी के संपर्क में फैलता है।

Bhuteshwarnath Mahadev Temple:शिवलिंग के पास प्राकृतिक जललहरी भी है, जो धीरे-धीरे जमीन से उभर रही है, भक्त इसे चमत्कार मानते हैं। 1959 में प्रकाशित कल्याण पुस्तिका में इसका उल्लेख है, जब यह केवल 3 फीट ऊंचा था।
मान्यताएं और धार्मिक महत्व
मान्यता है कि यहां दर्शन और पूजा से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। भक्तों का विश्वास है कि इस शिवलिंग की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन और महाशिवरात्रि के दौरान हजारों कांवरिए यहां जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाने पहुंचते हैं, और महादेव का अभिषेक करते है।
Read More: भक्ति ऐसी बचपन में चढ़ा दी महादेव को अपनी जीभ, 26 सालों से तपस्या में लीन बाबा!
Bhuteshwarnath Mahadev Temple: रहस्य और आकर्षण
शिवलिंग के लगातार बढ़ने का रहस्य लोगों के लिए कौतूहल का विषय है। कुछ इसे प्रकृति का चमत्कार मानते हैं, तो कुछ इसे भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक मानते हैं।
मंदिर तक कैसे पहुंचें
भूतेश्वरनाथ मंदिर रायपुर से 90 KM और गरियाबंद से 3 किमी दूर है। रायपुर रेलवे स्टेशन से 103 किमी और पंडरी बस स्टैंड से 100 किमी की दूरी पर है।