Mahaganpati Bhopal Temple: वैसे तो देशभर में कई गणेश मंदिर है। लेकिन जब भगवान गणेश के स्वरुपो की बात होती है तो महागणपति या महागणेश का स्वरुप सबसे दिव्य स्वरुप माना जाता है। गणपति बप्पा के इस स्वरुप की प्रतिमा भारत में दो जगह पर ही विराजमान है। एक जो कि महाराष्ट्र में है तो दूसरी मंदिर राजधानी भोपाल के रानीकमलापति स्टेशन के पास 10 नंबर पर विराजमान हैं।

क्या है खास…
महागणपति की प्रतिमा का बेहद महत्व है। यहां गणपति बप्पा की 10 भुजाएं हैं, और भगवान ने दसो भुजाओं में अलग- अलग शस्त्र धारण कर रखे हैं। इनका स्वरुप बेहद अद्भुत है। इस प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 5 फिट है। वहीं बताया जाता है कि उनका वजन 13 क्विटंल है। और वहीं एक और छोटी महागणपति की प्रतिमा भी विराजमान है।
कब हुई प्रतिमा की स्थापना..
इस मंदिर की स्थापना को लगभग 50 साल हो गए हैं। बताया जाता है, इस मंदिर की आधारशिला 22 अगस्त, 1982 को रखा गया है। यहां मंदिर में भगवान गणेश के अद्भुत स्वरुप के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

आपको बता दें पहले यहां भगवान गणेश की महागणपति स्वरुप बहुत छोटी प्रतिमा स्थापित की गई थी, लेकिन फिर यहां भक्त आने लगे और धीरे – धीरे मंदिर का भव्य स्वरुप तैयार किया गया और वहां 2007 महागणपति की 5 फिट की प्रतिमा विराजमान कराई गई।
क्या है यहां की मान्यता…
कहा जाता है यहां जो भक्त भगवान के दर्शन करने आते हैं और सच्चे दिल से भगवान से मनोकामना मांगते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

वहीं महागणपति गणेश जी के बारें बताया जाता है कि अगर बड़े कारखानों और फैक्ट्री में इनकी प्रतिमा की स्थापना की जाए तो इसे शुभ माना जाता है।
गणपति जी की इस तरह से करें पूजा…
भगवान गणपति की पूजा किसी भी काम को करने से पहले की जाती है। कभी भी कोई अपना कोई नया काम शुरु करता है, या कोई विशेष आयोजन होता है, तो गणपति जी की सबसे पहले पूजा की जाती है। और गणपति बप्पा को सबसे ज्यादा मोदक और लड्डू प्रिय है तो उन्हें इन वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए। भगवान गणेश को दूर्वा भी बहुत अधिक प्रिय है।