Khajrana Ganesh Mandir Indore: इंदौर का प्रसिद्ध खजराना मंदिर जो कि भगवान गणेश को समर्पित है। यह इंदौर के विजय नगर के पास कुछ दूरी पर खजराना चौक के पास स्थित है। यहां स्थापित मूर्ति को स्वंभू गणेश प्रतिमा है, क्योकि यह मूर्ति अपने आप प्रकट हुई थी। इस मंदिर में भक्तो की काफी भीड़ होती है, लेकिन विशेष रुप यहां बुधवार को ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। इस मंदिर का इतिहास भी काफी रोचक और रहस्यमयी है।
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क्या है स्थापना के पीछे की कथा…
बताया जाता है, कि भगवान गणेश ने वेदमूर्ति मंगलजीभट्ट नाम के पंडित को सपने में दर्शन दिया और बताया मूर्ति किस स्थान पर है, इस सपने के बारे में उन्होंने सभी को बताया। इसके बाद महारानी अहिल्याबाई ने वहां खुदवाई करवाई। वहां भगवान गणेश की मूर्ति मिली।
1735 में हुई मंदिर की स्थापना…
इस मूर्ति को वहीं टीले पर स्थापित कर दिया गया। लेकिन महारानी अहिल्याबाई चाहती थी, मूर्ति की स्थापना राजबाड़ा में हो, वहां मंदिर बने और इनकी प्राण प्रतिष्ठा हो लेकिन वो मूर्ति उस स्थान से हिली ही नहीं, जिसके बाद रानी ने उसी स्थान पर 1735 में मंदिर बनावाकर प्राण प्रतिष्ठा करवाई।

पहले भी था वहां मंदिर…
कई लोग बताते हैं कि इसके पहले यहां मंदिर परमार वंश के समय बना हुआ था, जिस समय औरेंगजेब आया था, इस मूर्ति को एक कुंए में छिपा दिया गया था, जिसके बाद औरेंगजेब ने पूरी मूर्ति तोड़ दी लेकिन उसे भगवान गणेश की मूर्ति नहीं मिली और सालो बाद पंडित के सपने में आकर गणेश जी ने अपने होने की बात कही और इसके बाद रानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1735 में मंदिर का पुर्ननिर्माण कराया।
मंदिर की विशेषता…
मंदिर भले ही भगवान गणेश को समर्पित हो लेकिन इस मंदिर में लगभग 33 छोटे मंदिर बने हैं, जहां भगवान शंकर, भगवान राम, मां दुर्गा, सांई बाबा, हनुमान जी सहित कई देवी – देवता विराजमान हैं। कहा जाता है यहां विराजमान गणपति जी की आंखे हीरे की हैं। मंदिर परिसर काफी भव्य बना हुआ। लोग यहां दूर – दूर से भगवान के दर्शन करने आते हैं।

क्या हैं इस मंदिर की मान्यता…
यहां की मान्यता है, कि भक्त जब कोई मन्नत मांगते हैं तो मंदिर में जहां भगवान गणेश विराजमान है, उसके पीछे गोबर और सिंदूर से उल्टा स्वस्तिक बनाते है और जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वो मंदिर में आकर सिंदूर से सीधा स्वास्तिक बनाते है, और भगवान को लड्डू का भोग भी लगाते हैं। इस मंदिर में बुधवार के दिन सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती हैं।
कोई भी शुभ काम की शुरुआत करने से पहले इंदौरवासी करते है दर्शन..
कहा जाता है, यहां के लोग जब भी कोई नए काम या किसी नई चीज की शुरुआत करते हैं, तो इस मंदिर में जरुर आते हैं, जब यहां मैच होते है तो खिलाड़ी भी भगवान गणेश का आर्शिवाद लेने जरुर आते है।
किसी की शादी होने वाली होती है तो पहला कार्ड खजराना मंदिर में भगवान गणेश को चढ़ाते है।

साल में 4 बार किया जाता है विशेष आयोजन..
खजराना में 4 विशेष आयोजन किए जाते है, एक जब भगवान की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, माघवती तिल चतुर्थदशी पर जो कि जनवरी में आता है, यहां भव्य आयोजन किया जाता है, और गणेश चतुर्थी के समय 10 दिन तक विशेष आयोजन होता है, और अंग्रेजी वाले नए वर्ष में 1 जनवरी को भी विशेष आयोजन किया जाने लगा है, क्योकि उस दिन काफी भीड़ रहती है।
शिवरात्रि के दिन विशेष आयोजन किया जाता है, उस दिन काफी मात्रा में खिचड़ी बनवाई जाती है। लगभग 101 कुंटल खिचड़ी का प्रसाद बनाकर भोग लगाया जाता है। नवरात्रि में भी विशेष आयोजन किए जाते हैं।