Gupteshwar Mahadev: गुप्तेश्वर महादेव की शाही सवारी का इतिहास धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से बेहद समृद्ध है। यह परंपरा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा कस्बे में स्थित प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी हुई है, जिसे गुप्तकालीन काल का बताया जाता है।
आगर मालवा जिले के नलखेड़ा में स्थित प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव की भव्य शाही सवारी इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक परंपरा और जनभावनाओं का संगम है।

Gupteshwar Mahadev: प्राचीनता से जुड़ी मान्यता
कहा जाता है कि यह मंदिर गुप्त वंश के शासनकाल में स्थापित हुआ था, और तभी से भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती रही है.. “गुप्तेश्वर” नाम का अर्थ है-“गुप्त रूप में स्थित भगवान शिव”.. यह मंदिर चमत्कारी और सिद्धपीठ के रूप में प्रसिद्ध है..

Gupteshwar Mahadev: शाही सवारी की शुरुआत
मान्यता है कि शिव भक्तों और स्थानीय राजाओं ने मिलकर शाही सवारी की परंपरा की शुरुआत की थी.. वे भगवान शिव को नगर भ्रमण पर ले जाते थे ताकि नगर की सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे.. यह परंपरा धीरे-धीरे भव्य स्वरूप में बदल गई..

Gupteshwar Mahadev: राजसी स्वरूप में पालकी यात्रा
इस सवारी को “शाही सवारी” इसलिए कहा जाता है क्योंकि भगवान गुप्तेश्वर महादेव को राजा के समान सुसज्जित पालकी में नगर भ्रमण कराया जाता है.. इसमें घोड़े, बग्गी, ढोल-नगाड़े, बैण्ड, और हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी होती है..
Gupteshwar Mahadev: श्रावण मास का विशेष महत्व
यह यात्रा हर साल श्रावण मास के आखिरी सोमवार या विशेष तिथि पर निकाली जाती है.. शिवभक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान को पालकी में बैठाकर पूरे नगर में घुमाते हैं…
Gupteshwar Mahadev: लोक-आस्था और एकता का प्रतीक
यह सवारी सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक एकता और संस्कृति का भी प्रतीक बन चुकी है.. इसमें सभी वर्गों के लोग शामिल होते हैं..
कुछ खास वजहें

Gupteshwar Mahadev: यह सवारी हर साल श्रावण मास में निकाली जाती है, और इसका आयोजन सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है। इस शाही सवारी की कुछ खास वजहें जो इसे प्रसिद्ध बनाती हैं:
नगर में धूमधाम से निकाली गई सवारी
प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव की भव्य शाही सवारी पूरे नगर में धूमधाम से निकाली गई.. फूलों की पालकी में विराजमान भोलेनाथ दूल्हे के रूप में सजे और भक्तों ने झूमकर उनका स्वागत किया.
Gupteshwar Mahadev: इस शाही सवारी की एक खास बात यह रही कि इसमें राजनीति की दीवारें भी टूट गईं. कांग्रेस विधायक भेरू सिंह बापू, बीजेपी जिलाध्यक्ष ओम मालवीय, बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिलीप सकलेचा सहित कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के कार्यकर्ता एक साथ ढोल की थाप पर झूमते नजर आए।
अद्भुत नजारा देखने को मिला

भक्तिभाव में डूबी इस सवारी में सामाजिक और धार्मिक समरसता का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
Gupteshwar Mahadev: आकर्षक झांकियां, भूतों की बारात, सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियां और भगवा-हरियाली से सजी नगर की गलियां इस भव्य शाही सवारी का विशेष आकर्षण रहीं.
शाही सवारी के दौरान नगरवासियों ने जगह-जगह पूजा-अर्चना कर आरती उतारी और पुष्प वर्षा से बाबा भोलेनाथ का स्वागत किया। जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे और श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था.
हजारों भक्त शामिल हुए
Gupteshwar Mahadev: प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से निकली शाही सवारी नगर भ्रमण कर पुनः मंदिर प्रांगण पहुंचकर सम्पन्न हुई, इस आयोजन में हजारों भक्त शामिल हुए..