Foreign Students in MP: मध्य प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए विदेशी छात्र फिर से रुचि दिखा रहे हैं। अमेरिका, नेपाल और मॉरीशस समेत 7 देशों के आवेदकों ने बीबीए, एमबीए और फार्मेसी जैसे पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन किया है।
Foreign Students in MP: एमपी में पढ़ेंगी विदेशी छात्र, 7 देशों के स्टूडेंट्स ने दिखाई रुचि
सागर युनिवर्सिटी में विदेशी छात्र
Foreign Students in MP: खबर मप्र के सागर जिले से है जहां कभी एक दौर हुआ करता था कि विदेशी छात्र पढ़ाई किया करते थे…लेकिन सन 1970-1980 के दशक से विदेशी छात्रों की संख्या में कमी देखने में आई और फिर धीरे धीरे संख्या दहाई में भी नहीं रह गई।
एक बार फिर विदेशी छात्र पढ़ाई करने के लिए आने को तैयार
लेकिन मध्यप्रदेश की डॉ. हरीसिंह गौर सेंट्रल युनिवर्सिटी सागर में एक बार फिर विदेशी छात्र पढ़ाई करने के लिए आने को तैयार हैं। बतादें कि युनिवर्सिटी प्रबंधन के अनुसार…
अफगानिस्तान,
बांग्लादेश,
मॉरीशम,
नेपाल,
तंजानिया,
युगांडा
और
अमेरिका
जैसे देशों से छात्रों ने आवेदन किया है।

55 छात्रों को मिला प्रवेश… 150 से ज्यादा हुए आवेदन
UGC के स्ट़डी इन इंडिया पोर्टल पर रजिस्ट्रेन के बाद सागर यूनिवर्सिटी को कुल 155 विदेशी छात्रों से आवेदन मिले। इनमें से 55 छात्र एडमिशन के योग्य पाए गए… जिन्हें यूनिवर्सिटी द्वारा ऑफर लेटर भेजे जा रहे हैं।
मैनजमेंट से लेकर फार्मेसी तक में रूचि
बतादें कि विदेशी छात्रों ने BBA,MBA,BCA,B.Com जैसे विषयों पर रूचि दिखाई है। मॉरीशम के छात्रों ने साइकोलॉजी जबकि कुछ ने फार्मेसी में एडमीशन की इच्छा जताई है। युनिवर्सिटी ने हर डिपार्टमेंट से स्क्रीनिंग करवा कर मेरिट के आधार पर चयन किया।
बीते दशकों में घटी थी संख्या….अब फिर बढ़ी उम्मीदें
नए प्रयास और नीतिया
सन 1970-1980 के दशक तक सागर युनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र पढ़ते थे… लेकिन समय के साथ इनकी संख्या घटती गई। अब नए प्रयासों और नीतियों के चलते एक बार फिर डॉ. हरीसिंह गौर सेंट्रल युनिवर्सिटी सागर अपनी फिर से नई पहचान बनाने जा रहा है।

नई शिक्षा नीति… अतंर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण का असर
Foreign Students in MP: युनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि नई शिक्षा नीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से युनिवर्सिटी का ग्लोबल कनेक्शन फिर से मजबूत हो रहा है… उनका उद्देश्य केवल शिक्षा देना नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति से भी विदेशी छात्रों को जोड़ना है।