नर्मदा किनारे स्थापित शिवलिंग से जुड़ी चमत्कारी मान्यता
महेश्वर काशी विश्वनाथ मंदिर: नर्मदा माई के तट पर प्रभु काशी विश्वनाथ का ऐतिहासिक मंदिर हैं जिसका निर्माण 1786 में देवी श्री अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था | महेश्वर की सभी शिव मंदिरों में से सबसे बड़ा शिवलिंग इस मंदिर के गर्भगृह में स्थापित हैं |
शिवलिंग संयोग से महेश्वर पहुँच गया
इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है की गर्भगृह में विराजमान शिवलिंग काशी के मंदिर में स्थापित होने वाला था लेकिन संयोग से महेश्वर पहुँच गया |
पत्थर से बना हुआ हैं

ये भव्य मंदिर काले पत्थरों से बना हुआ है यहाँ का सभा मंडप तकरीबन 18 पत्थर से बने खंभों में टिका हुआ है और गर्भगृह का पूरा हिस्सा भी पत्थर से बना हुआ हैं |
हर सोमवार रानी अहिल्याबाई की पालकी आती थी
ऐसा बताया जाता है की अहिल्याबाई हर सोमवार पालकी से भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर आकार पूजा पाठ और शिवलिंग का अभिषेक किया करती थी और सुबह शाम पूजा करने के बाद भगवान के लिए चावल और दाल का भोग लगाया जाता था जो अभी तक जारी है
महेश्वर के काशी विश्वनाथ मंदिर की खासियत

स्थानीय लोगों की माने तो मंदिर में मौजूद शिवलिंग को सबसे पहले काशी विश्वनाथ वाराणसी में प्रतिष्ठित किया जाना था, लेकिन अचानक से यहां विराजमान हो गया, इसी कारण से इसका नाम काशी विश्वनाथ पड़ गया.
यहाँ की ये भी मान्यता है कि…
यह शिवलिंग आध्यात्मिक रूप से काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग जितना ही चमत्कारी है | यदि आप किसी कारण से बनारस के काशी विश्वनाथ भगवान के दर्शन करने नहीं जा पा रहे हैं तो महेश्वर के काशी विश्वनाथ के दर्शन कर शिव जी का आशीर्वाद ले सकते हैं.
रात के समय अचानक मंदिर से गायब हो जाते हैं ” नंदी महाराज”

हर शिव मंदिर में भगवान के साथ नंदी महाराज होते हैं वैसे ही काशी विश्वनाथ मंदिर में विराजित हैं नंदी बाबा की विशाल मूर्ति ।
इस मंदिर के नंदी महाराज के बारे में बताया जाता है कि…
वें रात के समय अचानक मंदिर से गायब होकर आसपास चारा चरने चले जाते थे और जैसे ही सुबह होती तो वापस मंदिर आ जाते थे।
कठघरे में है नंदी महाराज
नंदी महराज के चारों तरफ कठघरा लगा दिया गया हैं , जिससे वे बाहर ना जा पाएं । ऐसा बताया जाता है श्रावण माह में कठघरे को वहाँ से हटा दिया जाता है।
काशी विश्वनाथ भ्रमण पर

श्रावण महीने के आखिरी सोमवार को नगर वासियों का हालचाल जानने के लिए भगवान काशी विश्वनाथ भ्रमण पर निकलते हैं।
कैसी है मंदिर की बनावट
महेश्वर के काशी विश्वनाथ मंदिर में पत्थर से बने 18 खंभों का सभा मंडप है, जो कि बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर से काफी मिलता जुलता हैं |
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