Moustached Shri Krishna Temple: आज पूरे देश में जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही धूम – धाम से मनाया जा रहा है। आज भक्त भगवान के भक्ति में डूबे हुए हैं। ऐसे में श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के मंदिर उनके दर्शन करने जाते हैं। तो इस खास मौके पर आपको आज मध्यप्रदेश के एक अनोखे मंदिर के बारें में बताएंगें, जहां बेहद सुंदर और अद्भुत स्वरुप मूंछो वाले श्री कृष्ण विराजमान हैं।
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जानिए कहां है ये मंदिर?
अगर आप इंदौर या उज्जैन में रहते हैं तो भगवान के दर्शन करने जरुर जाएं।यह मंदिर इंदौर से लगभग 70 किलोमीटर और उज्जैन से लगभग 40 किलोमीटर दूर देपालपुर के गिरोता गांव में स्थित है। यहां भगवान श्री कृष्ण मूंछो के साथ विराजमान हैं।

‘मूछों वाले कृष्ण’ के नाम से प्रसिद्ध हैं ये मंदिर..
यह मंदिर ‘मूछों वाले कृष्ण’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। जन्माष्टमी में लोग यहां श्रद्धलु दूर – दूर से भगवान के इस अद्भुत स्वरुप के दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है। कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना बताया जाता हैं, यह मंदिर एक गुफा की तरह है।
Moustached Shri Krishna Temple: जन्माष्टमी पर उमड़ती है श्रद्धालुओं की भारी भीड़…
श्रद्धालु दूर- दूर से भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर यहां उनके इस अद्भुत स्वरुप के दर्शन करने आते हैं। बताया जाता है जन्माष्टमी पर इस मंदिर में मेले का आयोजन भी किया जाता है। यह मंदिर एक गुफा द्वार की तरह है, जहां ऊपर श्री कृष्ण विराजमान हैं। वहीं नीचे से ग्रामीण गुजरते है।

मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण इस गांव की रक्षा करते है। गांव से बाहर जाने और गांव में अंदर जाने के लिए इस मंदिर से ही गुजरना पड़ता है।
सालो पहले हुआ था अद्भुत चमत्कार….
गांव के निवासी बताते हैं कि सालो पहले गिरोता गांव में आग लग गई थी। यह आग पूरे गांव में फैल गई सारा गांव जलकर राख हो गया लेकिन मंदिर को कोई हानि नहीं हुई। गांव के लोगों ने उस घटना के समय इसी मंदिर में शरण ली थी और सभी भगवान श्री कृष्ण की छत्रछाया में सुरक्षित बच गए।
भक्तों की हर मनोकामनाएं करते हैं पूरी!
इस गांव के निवासी और पंडित बताते हैं कि जब भी इस गांव में किसी अनहोनी की आशंका होती है। या बरसात नही होती तो गांव के निवासी मंदिर में आकर ‘हरे कृष्णा हरे राम’ का भजन – कीर्तन करते हैं। भगवान प्रसन्न होकर भक्तो की पुकार सुन लेते हैं, और अनहोनी भी टल जाती है। साथ ही बारिश भी हो जाती है।

जन्माष्टमी पर चारो तरफ होती है धूम…
जन्माष्टमी के दिन भक्तगण सुबह स्नान करके भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। दूध, दही , शहद और जल से अभिषेक करते है फिर उनको नये वस्त्र पहनाते हैं और उनका पूरा श्रृंगार करते हैं। कई लोग उनके लिए व्रत रहते हैं और जब रात को 12 बजे भगवान का जन्म हो जाता है तब व्रत खोलते हैं।
भगवान के प्रिय माखन मिश्री का भोग लगाते हैं। कई जगहो पर मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। लोग भजन – कीर्तन करते हैं। नाचते है गाते हैं भगवान श्री कृष्ण के भक्ति में डूबे रहते हैं।